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छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महिलाओं के हितों में अनेक कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रहीं हैं। इन्हीं में से एक लखपति दीदी योजना है। यह एक ऐसी योजना है, जिसमें सुनहरे भविष्य की उम्मीद और बेबस, लाचार महिलाओं के साथ-साथ अपने जरूरी खर्चों के लिए पैसों की मोहताज महिलाओं की खुशियां भी छिपी है। धमतरी जिले के पोटियाडीह की लखपति दीदी श्रीमती संतोषी हिरवानी खुशी-खुशी बतातीं हैं कि उन्हें अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए किसी का मोहताज होने की जरूरत नहीं है। शासन की कई योजनाओं का लाभ लेते हुए वह अपनी आर्थिक स्थिति बेहतर बनाने में सफल हुई हैं। विविध प्रकार की आयमूलक गतिविधियों से उन्हें अच्छी खासी आमदनी होने लगी है। राष्ट्रीय आजीविका मिशन बिहान के तहत अब वह लखपति दीदी बन गई हैं।

 हिरवानी कृषि मित्र हैं, वह किसानों को जैविक खाद के निर्माण और जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के साथ ही जैविक कीटनाशक की बिक्री कर अतिरिक्त आय अर्जित कर रही हैं। उन्हें शासन की महत्वाकांक्षी योजना महतारी वंदन योजना का लाभ भी मिल रहा है। इन खुशियों के पीछे आर्थिक सशक्तिकरण का वह आधार भी है, जो कि महतारी वंदन जैसी योजना के बलबूते छत्तीसगढ़ की गरीब महिलाओं में आत्मनिर्भरता की नींव धीरे-धीरे मजबूत करती जा रही है। महज 7 महीनों में ही विष्णु सरकार की इस महतारी वंदन योजना ने छत्तीसगढ़ की न सिर्फ महिलाओं में अपितु घर-परिवार में भी खुशियों की वह मिठास घोल दी है, जिसका परिवर्तन उनके जीवनशैली में भी बखूबी नजर आने लगा है। इस योजना से महिलाओं का सम्मान भी बढ़ा है।

संतोषी चिकन सेंटर का संचालन कर रहीं हैं, जिससे उन्हें 6 से 7 हजार रूपये तक की मासिक आमदनी हो रही है। समय-समय पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत मजदूरी भी करतीं हैं। संतोषी मनरेगा के तहत बने मुर्गी शेड में मुर्गियों का पालन करतीं हैं। वे बताती हैं कि इन सभी कामों से उसे साल में एक लाख रूपये से अधिक की आमदनी होती है। इन सभी से मिले आमदनी का उपयोग वे अपने दोनों बच्चों को अच्छी सी अच्छी शिक्षा में देने के लिए करेंगी। संतोषी ने अपने जीवन में आये इस सुधार के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद दिया है।