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उत्तरकाशी। पर्यटन मंत्रालय की ‘प्रसाद’ योजना व  केन्द्र सरकार की स्वीकृति के बाद गंगोत्री धाम में  सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट संयंत्र स्थापित किया गया।

जिलाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि
21 जून 2024 को सम्पन्न राज्य स्तरीय भागीरथी ईकों-सैंसेटिव जोन मॉनिटरिंग समिति की बैठक में समिति द्वारा सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को नगर पंचायत गंगोत्री को हरतगत करते हुए उक्त प्लांट के रांचालन की अनुगति प्रदान की गयी।

संयंत्र से निकलने वाली हानिकारक गैसों को वॉटर जैकेट, वैन्चुरी गैकेनिशग, ट्विन साईक्लोन आदि विधियों से ठण्डा एवं परिशोधित किया जाता है। अपशिष्ट जल का परिशोधन एवं पुनर्चक्रण करने के पश्चात् इसका पुनः प्रयोग प्लांट को संचालन में किया जाता है।


गौरतलब है कि मीडिया में खबर छपने जे बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव व धामी सरकार से उचित कदम उठाने को कहा था। इसके बाद सत्ता के गलियारों में हलचल मच गई।

देखें,महत्वपूर्ण तथ्य

प्रसाद (Pilgrimage Rejuvenation and Spiritual Augmentation Drive) योजनान्तर्गत गंगोत्री धाम में स्थापित सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट के संबंध में।

> पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार की प्रसाद (Pilgrimage Rejuvenation and Spiritual Augmentation Drive) योजना के अन्तर्गत वर्ष 2021 में गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम में पर्यटकों/यात्रियों/श्रद्धालुओं के आवागमन के फलस्वरूप उत्पन्न होने वाले ठोस अपशिष्ट / प्लास्टिक / डिब्बे आदि के प्रबंधन हेतु दो एक समान (Identical) सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट स्थापित करने विषयक डी०पी०आर० पर केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृति प्रदान की गयी।

> योजना के क्रियान्वयन हेतु उत्तराखण्ड सरकार द्वारा ब्रिडकुल (ब्रिज, रोपवे, टनल एण्ड अदर इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ऑफ उत्तराखण्ड लिमिटेड) देहरादून को कार्यदायी संस्था नामित किया गया।
दोनों संयंत्रों को स्थापित करने से पूर्व उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से सैद्धान्तिक सहगति (In-Principle Approval) प्राप्त की गयी। वर्ष 2023 में संयंत्र स्थापना का कार्य पूर्ण कर लिया गया।


➤ वर्ष 2024 मे यमुनोत्री स्थित प्लांट को जिला पंचायत उत्तरकाशी को हस्तान्तरित करते हुए संचालन आरम्भ कर लिया गया है। इसके संचालन हेतु उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड [Water (Prevention & Control of Pollution) Act, 1981] द्वारा दिनांक 21.08.2024 को विधिवत अनुमति प्रदान की जा चुकी है।

> गंगोत्री धाम में साधु सभा, गंगोत्री धाम द्वारा दिनांक 05.08.2022 को अखोड थातर (वर्तमान साईट) में संयंत्र की स्थापना किये जाने का अनुरोध किया गया। जहां पर पर्यटन विभाग को हस्तान्तरित वनभूमि (0.506 हे०) मे उक्त संयंत्र को स्थापित किया गया।

> मुख्य सचिव उत्तराखण्ड शासन की अध्यक्षता में दिनांक 21.06.2024 को सम्पन्न राज्य स्तरीय भागीरथी ईकों-सैंसेटिव जोन मॉनिटरिंग समिति की बैठक में समिति द्वारा सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को नगर पंचायत गंगोत्री को हरतगत करते हुए उक्त प्लांट के रांचालन की अनुगति प्रदान की गयी।

 भागीरथी नदी से प्लांट की हवाई दूरी 100 मीटर से अधिक और पैदल दूरी लगभग 500 मीटर है। संयंत्र से निस्तारित होने वाले अपशिष्ट अवशेष को गढ्‌ढा बनाकर संयंत्र के पास ही निस्तारित किया जा रहा है एवं नदी तक जाने की सम्भावना शून्य है।

> उक्त संयंत्र की निर्माता कम्पनी M/s Tesla Energy के अनुसार यह एक शून्य उत्सर्जन संयंत्र है। यह एक स्वतः उर्जा संचालित भट्टी है जो 850°C से 1500°C तक तापमान अर्जित करते हुए Programmed Oxygenation Plasma State तकनीक के माध्यम से किसी भी प्रकार के कूड़े का निस्तारण बिना कोई ईंधन / विद्युत के करता है। कूडे को जलाने की कोई भी गतिविधि इस प्रक्रिया में सम्मिलित नहीं है।
संयंत्र से निकलने वाली हानिकारक गैसों को वॉटर जैकेट, वैन्चुरी गैकेनिशग, ट्विन साईक्लोन आदि विधियों से ठण्डा एवं परिशोधित किया जाता है। अपशिष्ट जल का परिशोधन एवं पुनर्चक्रण करने के पश्चात् इसका पुनः प्रयोग प्लांट को संचालन में किया जाता है।

> प्रतिवर्ष गंगोत्री धाम में लगभग आठ लाख से अधिक तीर्थ यात्री चारधाम यात्रा के दौरान आते है जिनके आवागमन से प्रतिदिन लगभग 400 से 500 किलोग्राम अजैविक कूडा इस वनक्षेत्र में एकत्रित होता है जो यहां के पर्यावरण (मृदा एवं वायु) और आरक्षित वनक्षेत्र में पाये जाने वाले विभिन्न प्रजातियों के जीव-जन्तुओं, वनस्पतियों तथा पक्षियों पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला है।
इस संयंत्र के स्थापित होने के पश्चात् नगर पंचायत गंगोत्री द्वारा प्रतिदिन इस कूडे को वैज्ञानिक विधि से निरतारित किया जा रहा है, जो प्रत्यक्ष रूप से इस संवेदनशील क्षेत्र की जैव विविधता को संरक्षण प्रदान कर रहा है।